लेखनी कविता - आशीर्वाद
जिंदगी में हमें वह कभी नहीं मिलता
जो हमें चाहिए होता है
हम ट्रेन की पटरियों की तरह एक-दूसरे के साथ चलते तो हैं
पर मिलते कभी नहीं
जिंदगी हमसे वह सब कुछ छिनती
है...
जिसे पाना हमारे लिए सबसे जरूरी होता है
जिंदगी की राहों में चलते हुए
अपने आसपास आने वाले
ऐसे कितने रास्ते हम छोड़ते चले जाते हैं
जिन रास्तों पर हम वर्षों से चलना चाहते थे...
मुझे नहीं पता ऐसा क्यों होता है
पर सुन रखा है...
शिव हमें वह नहीं देते
जो हम अपने लिए सही समझते हैं ...
बल्कि वह देते हैं
जो उन्हें हमारे लिए सही समझ में आता हैं ..
मैंने कभी उनकी दी हुई चीजों का विरोध नहीं किया....
ना ही उसे मानने से इनकार किया..
बल्कि उनकी हर दी हुई चिज को उनका आशीर्वाद समझा
उनकी दी हुई पीड़ा कष्ट प्रेम घृणा मिलन जुदाई अच्छाई बुराई, चुनौती संघर्ष सब कुछ सहर्ष स्वीकार किया है मैंने..
कभी-कभी मां मुझसे पूछती हैं...
तुम्हें कभी अपने शिव से शिकायत क्यों नहीं रही
क्यों तुमने उनसे कभी नहीं पूछा
की हर कदम पर मेरे..
इतनी समस्याएं क्यों देते हो,तुम्हें पूछना चाहिए था..
मैंने उनसे कहा...
मम्मा यही
यही वह बिंदु है जहां मुझे भरोसा होता है कि वह मुझे देख रहा है
उसका ध्यान मेरे ऊपर है....
इसीलिए तो उसने मुझे बने बनाए रास्ते कभी नहीं दिए
बल्कि मुझे रास्ता ढूंढने की हिम्मत दी है...
मुझे ख़ुद के लिए रास्ता बनाने की हिम्मत दी हैं
वो मेरे साथ रहते हैं हर पल, हर दिन, हर क्षण...
अपूर्वा शुक्ला ✍✍✍✍
# प्रतियोगिता आशीर्वाद
Gunjan Kamal
24-Nov-2022 09:14 PM
बहुत खूब
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डॉ. रामबली मिश्र
19-Nov-2022 11:21 AM
बहुत खूब
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Apoorva Shukla
19-Nov-2022 07:41 PM
Shukriya
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Apoorva Shukla
19-Nov-2022 07:42 PM
शुक्रिया
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Ayshu
18-Nov-2022 04:25 PM
Nice
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